tag:blogger.com,1999:blog-8858353250299734896.post8413070990741625011..comments2023-07-06T17:36:27.464+05:30Comments on मानवीय सरोकार: ग़ज़ल : आजमाना क्या हआ.............डॉ० डंडा लखनवीhttp://www.blogger.com/profile/14536866583084833513noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-8858353250299734896.post-80166034641566700922010-06-23T14:35:51.231+05:302010-06-23T14:35:51.231+05:30--सुन्दर गज़ल--
"याद मतलब से अगर आए तो आना क...--सुन्दर गज़ल--<br /><br />"याद मतलब से अगर आए तो आना क्या हुआ।।" ---आना क्या हुआ-- दोहराया गया है अतः यदि--- <br /> --" याद मतलब से जो आये याद आना क्या हुआ" हो तो अधिक सटीक होगा।डा श्याम गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8858353250299734896.post-16677751369713919712010-06-04T11:27:22.899+05:302010-06-04T11:27:22.899+05:30दूसरों को ही गिरा कर, लोग जो उठते रहे,
जिंद...दूसरों को ही गिरा कर, लोग जो उठते रहे,<br />जिंदगी में इस तरह, उठना-उठाना क्या हुआ।<br /><br />डंडा साहब इस कामयाब ग़ज़ल के लिए ढेरों दाद कबूल करें...हर शेर में कमाल किया है आपने...बधाई...वाह..<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8858353250299734896.post-91287875793354421222010-06-04T07:00:59.894+05:302010-06-04T07:00:59.894+05:30बहुत ही शानदार गजल है!
आपकी लेखनी को नमन!बहुत ही शानदार गजल है!<br />आपकी लेखनी को नमन!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com