डंडा साहब...कुसुमेश जी की बेहतरीन गज़ल हम तक पहुंचाने के लिए आपका तहे दिल से शुक्र रहे...ग़ज़ल के अशआर उनकी पुख्ता आवाज़ में सीधे दिल में उतर जाते हैं..काश आप उनकी इस ग़ज़ल को लिपि बढ कर के भी हम तक पहुंचाते ताकि उसे सहेज कर रखा जा सकता ... नए और लाजवाब शायरों को उन्हीं की आवाज़ में रूबरू करवाने का आपका ये प्रयास अभूतपूर्व है, लेकिन उनका संक्षिप्त परिचय और गज़लें भी साथ में दिया करें तो सोने पर सुहागा हो जायेगा...
डॉ. डंडा लखनवी जी, मेरी ग़ज़ल"मानवीय सरोकार" पर लगाने के लिए धन्यवाद. प्रतिक्रिया पढ़कर लगा कि कुछ लोग मेरा विस्तार से परिचय चाह रहे हैं.मेरा संक्षिप्त परिचय उन्हें मेरे ब्लॉग:kunwarkusumesh.blogspot.com पर मिल जायेगा. शेष फिर.
सुन्दर रचनापाठ!
जवाब देंहटाएं--
मंगलवार के साप्ताहिक काव्य मंच पर इसकी चर्चा लगा दी है!
http://charchamanch.blogspot.com/
ग़ज़लकार कुवंर कुसुमेश की ग़ज़ल की "साप्ताहिक काव्य मंच" में चर्चा के लिए आपको धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंडंडा साहब...कुसुमेश जी की बेहतरीन गज़ल हम तक पहुंचाने के लिए आपका तहे दिल से शुक्र रहे...ग़ज़ल के अशआर उनकी पुख्ता आवाज़ में सीधे दिल में उतर जाते हैं..काश आप उनकी इस ग़ज़ल को लिपि बढ कर के भी हम तक पहुंचाते ताकि उसे सहेज कर रखा जा सकता ...
जवाब देंहटाएंनए और लाजवाब शायरों को उन्हीं की आवाज़ में रूबरू करवाने का आपका ये प्रयास अभूतपूर्व है, लेकिन उनका संक्षिप्त परिचय और गज़लें भी साथ में दिया करें तो सोने पर सुहागा हो जायेगा...
नीरज
डॉ. डंडा लखनवी जी,
जवाब देंहटाएंमेरी ग़ज़ल"मानवीय सरोकार" पर लगाने के लिए धन्यवाद. प्रतिक्रिया पढ़कर लगा कि कुछ लोग मेरा विस्तार से परिचय चाह रहे हैं.मेरा संक्षिप्त परिचय उन्हें मेरे ब्लॉग:kunwarkusumesh.blogspot.com पर मिल जायेगा. शेष फिर.
कुँवर कुसुमेश
nice to listen!
जवाब देंहटाएंsundar rachnapath!
अच्छी ग़ज़ल,अच्छे ग़ज़लकार एवं अच्छी प्रस्तुति के लिए बधाई...
जवाब देंहटाएं- अरुण मिश्र.
आप सब को सपरिवार दीपावली मंगलमय एवं शुभ हो!
जवाब देंहटाएंहम आप सब के मानसिक -शारीरिक स्वास्थ्य की खुशहाली की कामना करते हैं.