14 अगस्त 2011

*****जय महापर्व पन्द्रह अगस्त

                                                      -डॉ० डंडा लखनवी

जय हो, जय हो, मंगलमय हो, जय महापर्व पन्द्रह अगस्त।
                                          जय महापर्व पन्द्रह अगस्त।।


घर -  घर  में   बजी   बधाई    थी,
आजादी     जिस    दिन  आई थी,
पुरखों  ने     जिसकी  प्राणों    से-
क़ीमत     संपूर्ण     चुकाई      थी,

उस  स्वतंत्रता की रक्षा में  नित रहना होगा सजग - व्यस्त।
जय हो, जय हो, मंगलमय हो, जय महापर्व पन्द्रह अगस्त॥

आजादी      के       उपहार  मिले,
मन      चाहे       करोबार    मिले,
खुल   गए   गुलामी    के   बंधन-
जन - जन को बहु अधिकार मिले,

कर्तव्य   किए  बिन, याद रहे! अधिकार स्वत: होत निरस्त।
जय हो, जय हो, मंगलमय हो, जय महापर्व पन्द्रह अगस्त॥

हम    हिंदू     सिख   ईसाई     हैं,
मुस्लिम    हैं,   बौद्ध  -  बहाई  हैं,
बहुपंथी    भारत     वासी     हम-
आपस    में    भाई   -   भाई   हैं,

सारे  अवरोध  हटा कर हम, पथ अपना करते ख़ुद प्रशस्त।
जय हो, जय हो, मंगलमय हो, जय महापर्व पन्द्रह अगस्त


(नोट :  आजादी की स्वर्णजयंती दि० १५-८-१९९७ को डी-डी-१ से संगीतबद्ध रूप में प्रस्तुत रचना।)

26 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत अच्छा लगा यह गीत।
    आपको स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
    --------
    कल 15/08/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  2. स्वतन्त्रता दिवस की मंगलकामनाएं। प्रेरणास्पद कविता द्वारा उत्कृष्ट विचार व्यक्त किए हैं।

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  3. बंधुवर!
    आपको भी स्वतन्त्रता-दिवस की मंगलकामनाएं..... सादर!

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  4. स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ भाई जी !

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  5. स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें ..जय हिंद

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  6. स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें और बधाई

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  7. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    स्वतन्त्रता की 65वीं वर्षगाँठ पर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

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  8. स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.

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  9. स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और ढेर सारी बधाईयां

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  10. अति सुंदर गीत,
    स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.

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  11. स्वतंत्रता दिवस की शुभकानाएं

    बेहतरीन रचना, बधाई स्वीकारें

    नीरज .
    नीरज

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  12. सुंदर गीत,
    आपको स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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  13. वाह वाह... कितना सुन्दर भावपूर्ण गीत....
    राष्ट्र पर्व की हार्दिक बधाइयां....

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  14. बहुत ही भावनाओं से भरा देशप्रेम से ओतप्रोत गीत लिखा है आपने /सुंदर ढंग से प्रस्तुत की गई प्रस्तुति/बधाई आपको /
    ब्लोगर्स मीट वीकली (४)के मंच पर आपका स्वागत है आइये और अपने विचारों से हमें अवगत कराइये/आभार/ इसका लिंक है http://hbfint.blogspot.com/2011/08/4-happy-independence-day-india.html
    धन्यवाद /

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  15. Superb lines and great write up. Thanks a lot for sharing this beautiful song.
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  16. आजादी के उपहार मिले,
    मन चाहे करोबार मिले,
    खुल गए गुलामी के बंधन-
    जन-जन को बहु अधिकार मिले,
    uprokt sunder prastuti hetu aabhar.......

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  17. खूबसूरत अभिव्यक्ति.बेहतरीन रचना, बधाई स्वीकारें ..आभार.

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  18. बेहतरीन अभिव्यक्ति और बेहतरीन रचना |

    मेरे ब्लॉग में आपका सादर आमंत्रण है |
    मेरी कविता

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  19. खूबसूरत अभिव्यक्ति.बेहतरीन रचना, बधाई स्वीकारें ..आभार.

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  21. Bahut sunder
    उठो क्रांति के अग्रदूत, फिर अब विलम्ब का समय नहीं ।
    सुनो समझो करो तुम, नर हो तुम्हारा कर्म यही ॥
    पानी-पानी हुए जा रहे, सत्ता के सूचि गलियारे ।
    मत्स्य- न्याय में उलझ रहे है, पदासीन सब मछुआरे ॥ .....................
    Please go to my blog for full reading
    www.trivenishankar.blogspot.com

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  22. कर्तव्य किए बिन, याद रहे! अधिकार स्वत: होत निरस्त।
    जय हो, जय हो, मंगलमय हो, जय महापर्व पन्द्रह अगस्त॥

    preranatmak prastuti ke lie aapka hardik abhar.

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