-डॉ० डंडा लखनवी
जय हो, जय हो, मंगलमय हो, जय महापर्व पन्द्रह अगस्त।
जय महापर्व पन्द्रह अगस्त।।
घर - घर में बजी बधाई थी,
आजादी जिस दिन आई थी,
पुरखों ने जिसकी प्राणों से-
क़ीमत संपूर्ण चुकाई थी,
उस स्वतंत्रता की रक्षा में नित रहना होगा सजग - व्यस्त।
जय हो, जय हो, मंगलमय हो, जय महापर्व पन्द्रह अगस्त॥
आजादी के उपहार मिले,
मन चाहे करोबार मिले,
खुल गए गुलामी के बंधन-
जन - जन को बहु अधिकार मिले,
कर्तव्य किए बिन, याद रहे! अधिकार स्वत: होत निरस्त।
जय हो, जय हो, मंगलमय हो, जय महापर्व पन्द्रह अगस्त॥
हम हिंदू सिख ईसाई हैं,
मुस्लिम हैं, बौद्ध - बहाई हैं,
बहुपंथी भारत वासी हम-
आपस में भाई - भाई हैं,
सारे अवरोध हटा कर हम, पथ अपना करते ख़ुद प्रशस्त।
जय हो, जय हो, मंगलमय हो, जय महापर्व पन्द्रह अगस्त
(नोट : आजादी की स्वर्णजयंती दि० १५-८-१९९७ को डी-डी-१ से संगीतबद्ध रूप में प्रस्तुत रचना।)
जय हो, जय हो, मंगलमय हो, जय महापर्व पन्द्रह अगस्त।
जय महापर्व पन्द्रह अगस्त।।
घर - घर में बजी बधाई थी,
आजादी जिस दिन आई थी,
पुरखों ने जिसकी प्राणों से-
क़ीमत संपूर्ण चुकाई थी,
उस स्वतंत्रता की रक्षा में नित रहना होगा सजग - व्यस्त।
जय हो, जय हो, मंगलमय हो, जय महापर्व पन्द्रह अगस्त॥
आजादी के उपहार मिले,
मन चाहे करोबार मिले,
खुल गए गुलामी के बंधन-
जन - जन को बहु अधिकार मिले,
कर्तव्य किए बिन, याद रहे! अधिकार स्वत: होत निरस्त।
जय हो, जय हो, मंगलमय हो, जय महापर्व पन्द्रह अगस्त॥
हम हिंदू सिख ईसाई हैं,
मुस्लिम हैं, बौद्ध - बहाई हैं,
बहुपंथी भारत वासी हम-
आपस में भाई - भाई हैं,
सारे अवरोध हटा कर हम, पथ अपना करते ख़ुद प्रशस्त।
जय हो, जय हो, मंगलमय हो, जय महापर्व पन्द्रह अगस्त
(नोट : आजादी की स्वर्णजयंती दि० १५-८-१९९७ को डी-डी-१ से संगीतबद्ध रूप में प्रस्तुत रचना।)
बहुत अच्छा लगा यह गीत।
जवाब देंहटाएंआपको स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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कल 15/08/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
स्वतन्त्रता दिवस की मंगलकामनाएं। प्रेरणास्पद कविता द्वारा उत्कृष्ट विचार व्यक्त किए हैं।
जवाब देंहटाएंबंधुवर!
जवाब देंहटाएंआपको भी स्वतन्त्रता-दिवस की मंगलकामनाएं..... सादर!
स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ भाई जी !
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें ..जय हिंद
जवाब देंहटाएंक्या सारे अवरोध हट गए ...
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें और बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंस्वतन्त्रता की 65वीं वर्षगाँठ पर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंस्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और ढेर सारी बधाईयां
जवाब देंहटाएंअति सुंदर गीत,
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
स्वतंत्रता दिवस की शुभकानाएं
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना, बधाई स्वीकारें
नीरज .
नीरज
सुंदर गीत,
जवाब देंहटाएंआपको स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
वाह वाह... कितना सुन्दर भावपूर्ण गीत....
जवाब देंहटाएंराष्ट्र पर्व की हार्दिक बधाइयां....
बहुत ही भावनाओं से भरा देशप्रेम से ओतप्रोत गीत लिखा है आपने /सुंदर ढंग से प्रस्तुत की गई प्रस्तुति/बधाई आपको /
जवाब देंहटाएंब्लोगर्स मीट वीकली (४)के मंच पर आपका स्वागत है आइये और अपने विचारों से हमें अवगत कराइये/आभार/ इसका लिंक है http://hbfint.blogspot.com/2011/08/4-happy-independence-day-india.html
धन्यवाद /
सुन्दर अभिव्यक्ति !!!!
जवाब देंहटाएंSuperb lines and great write up. Thanks a lot for sharing this beautiful song.
जवाब देंहटाएंdomain registration india
आजादी के उपहार मिले,
जवाब देंहटाएंमन चाहे करोबार मिले,
खुल गए गुलामी के बंधन-
जन-जन को बहु अधिकार मिले,
uprokt sunder prastuti hetu aabhar.......
खूबसूरत अभिव्यक्ति.बेहतरीन रचना, बधाई स्वीकारें ..आभार.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अभिव्यक्ति और बेहतरीन रचना |
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग में आपका सादर आमंत्रण है |
मेरी कविता
खूबसूरत अभिव्यक्ति.बेहतरीन रचना, बधाई स्वीकारें ..आभार.
जवाब देंहटाएंhttp://mythoughtmukund.blogspot.com
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
हटाएंBahut sunder
जवाब देंहटाएंउठो क्रांति के अग्रदूत, फिर अब विलम्ब का समय नहीं ।
सुनो समझो करो तुम, नर हो तुम्हारा कर्म यही ॥
पानी-पानी हुए जा रहे, सत्ता के सूचि गलियारे ।
मत्स्य- न्याय में उलझ रहे है, पदासीन सब मछुआरे ॥ .....................
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www.trivenishankar.blogspot.com
कर्तव्य किए बिन, याद रहे! अधिकार स्वत: होत निरस्त।
जवाब देंहटाएंजय हो, जय हो, मंगलमय हो, जय महापर्व पन्द्रह अगस्त॥
preranatmak prastuti ke lie aapka hardik abhar.