21 फ़रवरी 2010

अ‍स्‍त्र-शस्त्र



       


-डॉ० तुकाराम वर्मा 


अ‍स्‍त्र   -   शस्त्र   निर्माण  का, यही  मूल  आधार।
स्वार्थ    हेतु    पर   प्राण  पर,  कैसे  करें   प्रहार।।

चीख-चीख कर कह रहा, अब  तक  का इतिहास।
अस्त्रों  - शस्त्रों  ने  किया, बाधित  विश्व विकास।।

अणु - आयुध   की    मार  से, होगा सर्व  विनाश।
निर्जन    धरती    देख   कर,  रोएगा    आकाश।।

अस्त्र   -   शस्त्र     धारी  कभी,  कहीं  न पाएं  चैन।
किन्तु शास्त्र ज्ञाता करे, सुख अनुभव दिन-रैन।।

अस्त्र    शक्ति   से  शब्द  का, क्षमता  क्षेत्र  महान।
हरे  अस्त्र   हर  प्राण  को,  शब्द   करे  कल्याण।।






ई-1/2, अलीगंज, हाउसिंग स्कीम, सेक्टर-बी
लखनऊ-226024
सचलभाष-09936258819

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