11 नवंबर 2010

लेखक,  संपादक,  समीक्षक, भाषाविद, प्राध्यापक  साहित्यभूषण    डॉ० रामाश्रय सविता से उनका बहुचर्चित गीत "आँसुओं है मना" सुनिए।




        
                           डॉ० रामाश्रय सविता के स्वर में उनका काव्य-पाठ

9 टिप्‍पणियां:

  1. मन को भाया ..लाजबाब ..शुक्रिया

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  2. अति सुन्दर!! बांधनेवाला काव्यपाठ

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  3. mahan sahitykar shraddhey dr ramashray 'savita'
    ka unhi ke swar me kavypath -- rachna ka kya kahna ! aapki prastuti sarahniy hai

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  4. मदुर गीत सुनकर अच्छा लगा!
    --
    बहुत-बहुत बधाई!
    आज के चर्चा मंच पर भी आपकी पोस्ट की चर्चा है!
    http://charchamanch.blogspot.com/2010/11/335.html

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