-डॉ० डंडा लखनवी
क्या फागुन की फगुनाई है।
डाली - डाली बौराई है॥
हर ओर सृष्टि मादकता की-
कर रही मुफ़्त सप्लाई है॥
धरती पर नूतन वर्दी है।खामोश हो गई सर्दी है॥कर दिया समर्पण भौरों ने-कलियों में गुंडागर्दी है॥
मनहूसी मटियामेट लगे।
खच्चर भी अपटूडेट लगे॥
फागुन में काला कौआ भी-
सीनियर एडवोकेट लगे॥
मत इसे आप समझें मजाक़।मुर्गा - मुर्गी हो या पिकाक॥बालीवुड के माडल जैसे-करते वन - वन में कैटवाक॥
अब इस सज्जन से आप मिलो।फिश पर जो फिदा हमेशा हो॥अप्रेन पहने रहता सफेद-है बगुला, लगता सी०एम०ओ०॥
बागों में करते दौरे हैं।
गालों में भरे गिलौरे है॥
देखो तों इनका रसिक रूप-
शृंगारिक कवि सम भौरे हैं॥
जय हो कविता कालिंदी की।
जय रंग रंगीली बिंदी की॥
मेकप में वाह तितलियाँ भी-
लगती कवयित्री हिंदी की॥
वह साड़ी में थी हरी - हरी।
रसभरी रसों से भरी - भरी॥
नैनों से डाका डाल गई-
बंदूक दग गई धरी - ध्ररी॥
यह फागुन की अंगड़ाई है।
गुम हो जाती तनहाई है॥
स्वीकारो हँसी - ठिठोली के-
मौसम की यही बधाई है॥
E-mail : dandalakhnavi@gmail.com
mob : 09336089753
बहुत-बहुत बधाई होली की.कविता के माध्यम से हकीकत सामने रख दी है आपने.
जवाब देंहटाएंबहुत ही उम्दा.
जवाब देंहटाएंआपको होली की शुभ कामनाएं.
बहुत बढ़िया ..... होली की हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंवाह डंडा साहब वाह क्या कविता कही है
जवाब देंहटाएंइसे व्यंग कहूँ या सच्चाई, जो भी है लाजवाब है
होली की हार्दिक शुभकामनायें
होली के रंग,व्यंग्य,एवं तरंग में आपका असली हुरिहार कवि-मन निखर आया है|छंद दर छंद गुदगुदी|यह अल्हड़ता होली दर होली बनी रहे|अनंत शुभकामनायें|
जवाब देंहटाएं-अरुण मिश्र
बहुत बढ़िया फगुनाई| होली की हार्दिक शुभकामनायें|
जवाब देंहटाएंयह फागुन की अंगड़ाई है।
जवाब देंहटाएंगुम हो जाती तनहाई है॥
स्वीकारो हँसी - ठिठोली के-
मौसम की यही बधाई है॥----- डाक्टर साहब ..आप ने पहली नजर में ही अपनी बिशेषता बिखेर दी मुझा पर !बहुत - बहुत धन्यवाद !मुझे अच्छे लोगो की चाहत हमेशा लगी रहती है ! आशा है भविष्य में भी अपनी अनुकम्पा बनाये रखेंगे !बिशेष फिर मिलेंगे होली के बाद !आप शायद मुझ से उम्र में बड़े है ..अतः आशीर्वाद की ही कमाना करूँगा ! धन्यवाद ! प्रणाम ......होली की बधाई स्वीकार करे !
होली की असीम शुभकामनाएं स्वीकार हों , अच्छी लगी फ़गुनाईईईईईईईईई … बधाई भई बधाईईईईईईईईईईईईईईईईईई ।
जवाब देंहटाएंआनंद आ गया , शुभकामनायें स्वीकार करें !!
जवाब देंहटाएंMaza aa gaya!
जवाब देंहटाएंAapko bhee holi bahut mubarak ho!
बढ़िया लगी यह फगुनाई ...होली की शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंजय हो कविता कालिंदी की।
जवाब देंहटाएंजय रंग रंगीली बिंदी की॥
मेकप में वाह तितलियाँ भी-
लगती कवयित्री हिंदी की॥.......
बढ़िया लगी फगुनाई.होली की हार्दिक शुभकामनायें|
वाह वाह फ़गुनाई का आनन्द आ गया………………आपको और आपके पूरे परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर कविता ! उम्दा प्रस्तुती! ! बधाई!
जवाब देंहटाएंआपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
जबरदस्त और लाजवाब ,फागुन की मस्ती
जवाब देंहटाएंसुरक्षित , शांतिपूर्ण और प्यार तथा उमंग में डूबी हुई होली की सतरंगी शुभकामनायें ।
bahut badhiya rachna ,holi ki dhero badhai .
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर होली प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं
बहुत ही सुन्दर फागुन की पुरवाई
जवाब देंहटाएंआपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं
bahut sundar.
जवाब देंहटाएंआप को रंगों के पर्व होली की बहुत बहुत शुभकामनायें ..
रंगों का ये उत्सव आप के जीवन में अपार खुशियों के रंग भर दे..
फागुन की मस्ती
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनायें
manish jaiswal
Bilaspur
chhattisgarh
वाह वाह,क्या फगुनाई है.बहुत अच्छा हास्य .
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनाये.
क्या कहने ? क्या कहने ?
जवाब देंहटाएंबिलकुल मस्त कर दिया आपने तो .
मेरे ब्लॉग 'मनसा वाचा कर्मणा' पर आपके आने का बहुत बहुत आभार.
डॉ० डंडा लखनवी जी, सप्रेम नमस्कार ...
जवाब देंहटाएंदेर से आने के लिए माफ़ी चाहूँगा ... कल ही कहना चाहिए था अपर ... खैर आज कहता हूँ ... आपको और आपके परिवार को होली की ढेरो हार्दिक शुभकामनायें !
आपकी रचना तो बिलकुल लाजवाब है ... किसी मुर्दे के होठों पर भी मुस्कान आ जाय सुनके ... मज़ा आ गया पढकर ...
क्या-क्या लपेटे में नहीं आ गए आपके.
जवाब देंहटाएंआपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!
जवाब देंहटाएंआपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
यह फागुन की अंगड़ाई है।
जवाब देंहटाएंगुम हो जाती तनहाई है॥
स्वीकारो हँसी - ठिठोली के
मौसम की यही बधाई है॥
अच्छी सार्थक रचना होली की बहुत बहुत बधाई हो ...........
बेहतरीन रचना...होली की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंआद. भाई डंडा लखनवी जी ,
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी रचना ...."जय हो कविता कालिंदी की
जय रंग रँगीली बिंदी की
मेकप में वाह तितलियाँ भी
लगतीं कवियित्री हिंदी की "
होली की बहुत-बहुत शुभकामनायें ....
great,maja aa gayaa aapkaa blog dekh kar aur padh kar...
जवाब देंहटाएंक्या फागुन की फगुनाई है।
जवाब देंहटाएंडाली - डाली बौराई है॥
हर ओर सृष्टि मादकता की-
कर रही मुफ़्त सप्लाई है॥
Wah-Wah kya panktiyan hain....bahut sundar.
aapki rachna pahli baar padhi bahut achchi lagi.aapko bahut dhanyavaad aapne meri kavita ko apni prashansa ke yogya samjha.thanx a lot.
जवाब देंहटाएंजय हो कविता कालिंदी की।
जवाब देंहटाएंजय रंग रंगीली बिंदी की॥
मेकप में वाह तितलियाँ भी-
लगती कवयित्री हिंदी की॥
आदरणीय डॉ डंडा लखनवी जी क्या होली की छाप छोड़ी आप ने प्रकृति समाज कचहरी सिनेमा जगत कवी यहाँ तक की कवियित्री को भी आप ने लपेट लिया अपने होली की बौछार में
खिला रहे ये रूप आप का
भौंरे से मंडराते जाएँ
जहाँ रहें ये रंग बिखेरें
ऐसे डाले रंग छाप दिल
तितली फूल फिरें शर्माए
सुरेन्द्र शुक्ल भ्रमर५
अवधी