31 मार्च 2010

‘रेडियो पत्रकारिता’ का लोकार्पण


डॉ0 आनन्द प्रकाश ‘आर्टिस्ट’ की पुस्तक
‘रेडियो पत्रकारिता’
का लोकार्पण समपन्न

               
         भिवानी। विगत सत्ताइस वर्षों से रेडियो लेखन, अभिनय, शिक्षण व पत्रकारिता से ‘आनन्द कला मंच एवं शोध संस्थान’ के अध्यक्ष आनन्द प्रकाश ‘आर्टिस्ट’ द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘रेडियो पत्रकारिता’ का लोकार्पण 26 फरवरी 2010 को नीचम (म0प्र0) में एक राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार डॉ0 वेदप्रकाश वैदिक के करकमलों से सम्पन्न हुआ। यह जानकारी देते हुए ‘आनन्द कला मंच एवं शोध संस्थान’ भिवानी के सचिव राजकुमार पवांर ने बताया कि विगत 26 एवं 27 फरवरी को नीमच (म0प्र0) के स्वामी विवेकानन्द शासकीय महाविद्यालय में ’हिंदी पत्रकारिता कल आज और कल’ विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में डॉ वेद प्रकाश वैदिक मुख्य अतिथि थे। उनके साथ हरिद्वार से डॉ कमलकांत बुधकर और उनकी धर्मपत्नी संगीता बुधकर, दिल्ली से डॉ0 कुमुद शर्मा और उनके पति पत्रकार अरुणवर्धन और भिवानी से आनन्द प्रकाश ‘आर्टिस्ट’ और उनके कला एवं शोध संस्थान के सदस्य राजकुमार पवांर और आकाशवाणी रोहतक के उद्धोषक संपर्ण सिंह नीमच पहुँचे थे। रेलवे स्टेशन पर राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी की संयोजिका डॉ0 मीना चौधरी, डॉ0 आर0के0 गुरेटिया और महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 आर0एस0 वर्मा ने अतिथियों का फूल मालाओं से स्वागत किया।
         इस शोध संगोष्ठी के उद्धाटन सत्र में डॉ0 वेद प्रकाश वैदिक ने आनन्द प्रकाश ‘आटिस्ट’ की पुस्तक ‘रेडियो पत्रकारिता’ का लोकार्पण किया। इस अवसर पर स्वामी विवेकानन्द शासकीय महाविद्यालय नीमच (म0प्र0) के स्टाफ और शोधार्थियों के अलावा देश के कोने-कोने से आए पत्रकार और विद्वान मौजूद थे। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 आर0एस0 वर्मा और हिंदी विभाग की सहायक प्राध्यापिका एवं संगोष्ठी की संयोजिका डॉ0 बीना चैधरी ने आनन्द प्रकाश ‘आर्टिस्ट’ को बधाई दी। पुस्तक के लोकार्पण के उपरान्त विद्वानों की उपस्थिति में आनन्द प्रकाश ‘आर्टिस्ट’ ने ‘रेडियो पत्रकारिता: चुनौतियाँ एवं संभावनाएं’ विषय पर अपना शोध-पत्र प्रस्तुत किया। रात्रि-सत्र में आयोजित काव्य-गोष्ठी में कन्या भूर्ण-हत्या के विरुद्ध जन-चेतना विषयक गीतों के अलावा आनन्द प्रकाश ‘आर्टिस्ट’ ने अपनी एक प्रसिद्ध गजल ‘‘लिखी है ग़ज़ल मैंने दिल का लहू निचोड़ कर-पर कौन मानेगा इस बात को सिर्फ तुमको छोड कर’’ भी प्रस्तुत की। उक्त दोनों सत्रों में डॉ0 हरिमोहन बुधौलिया (उज्जैन), डॉ0 प्रेम भारती (भोपाल), पत्रकार अनिल लोढ़ा (जयपुर), डॉ0 संजीव कुमार भावनावत (जयपुर), डॉ0 कमलकांत बुधकर और उनकी पत्नी संगीता बुधकर (हरिद्वार), डॉ0 कुमुद शर्मा ओर उनके पति पत्रकार अरुणवर्धन (दिल्ली), डॉ0 किशोर काबरा (अहमदाबाद), डॉ0 कृष्ण कुमार अस्थाना (इंदौर), डॉ0 गुणमाला खिमेसरा (मंदसौर), श्रीमती प्रेरणा ठाकरे ‘परिहार’ (नीमच), डॉ0 प्रमोद रामावत ‘प्रमोद’ (नीमच), आकाशवाणी रोहतक के उद्धोषक संपर्ण सिंह बागड़ी, कार्यक्रम की संयोजिका डॉ0 बीना चौधरी और महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 आर0एस0 वर्मा विशेष रूप से उपस्थित थे।
         समारोह के समापन में डॉ0 बीना चौधरी ने सभी के हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया और आशा व्यक्त की कि यू0जी0सी0 द्वारा प्रयोजित ऐसी शोध संगोष्ठियों से न केवल शिक्षा में गुणात्मक सुधार आएगा बल्कि संचित अनुभवों एवं ज्ञान के आदान-प्रदान से शिक्षण एवं शोध को नई दिशाएं मिलेंगी।

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