25 सितंबर 2010

लोकगीत : बहिनी हम तो बड़ी हैं मजबूर...--डॉ० डंडा लखनवी

6 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही गहरे भाव रखता है यह लोकगीत
    बहुत ही अच्छा लगा सुनकर....कई बार सुना !!!
    दिल करता था बार-बार सुने !!!
    शानदार लोकगीत !!!

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  2. अत्यंत मार्मिक लोक गीत, अत्यंत सशक्त एवं सार्थक रचना, तथा अति सुंदर एवं भावपूर्ण प्रस्तुति| बधाई|
    -अरुण मिश्र .

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  3. bahut accha laga wo din yaad aa gaya jab aap khatima aye the aur aapne hame yeh geet sunaya tha- aman agarwal "marwari"

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