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-डॉ० डंडा लखनवी
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भाँति-भाँति के माउस जगमें सबकी जयजयकारी।
धरती के कोने - कोने मे इनकी नम्बरदारी।।
साधो इनकी नम्बरदारी।।
माउस मेलों - ठेलों में हैं,
गुरुओं में हैं, चेलों में हैं,
मिलते माउस रेलों में हैं,
कुछ बाहर, कुछ जेलों में हैं,
कुछ माउस घोषित आवारा, कुछ माउस सरकारी।
धरती के कोने - कोने में इनकी नम्बरदारी।।
कम्प्यूटर का माउस - नाटा,

फ्री कराता सैर - सपाटा,
नए समय का बिरला टाटा,
नाचे इनके आगे दुनिया ये हैं महा - मदारी।
धरती के कोने - कोने मे इसकी नम्बरदारी।।
माउस सभी मकानों में हैं,
खेतों में खलिहानों में हैं,
गोदामों - दूकानों में हैं,
कोर्ट - कचहरी थानों में हैं,
सदनों के भीतर बैठे कुछ माउस खद्दरधारी।
दुनिया के कोने - कोने मे इनकी नम्बरदारी।।
जनता को ये डाट रहे है,
मालपुआ खुद काट रहे है,
माउस जो खुर्राट रहे हैं,
भ्रष्ट प्रशासन बाट रहे हैं,
कुछ डंडा अधिकारी माउस कुछ माउस पटवारी।
धरती के कोने - कोने मे इनकी नम्बरदारी।।
माउस थल में, माउस जल में,
माउस बसते हैं दल - दल में,

माउस युग की हर हलचल में,
वैसे नहीं चुना गण-पति ने अपनी इन्हें सवारी।
धरती के कोने - कोने मे इनकी नम्बरदारी।।
चूहे को लेकर आपने तो पूरा जगत ही नाप लिया!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रचना!
बेहतरीन !! माउस गाथा !!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब!
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