-रामऔतार ‘पंकज’
बाँटें सब में प्यार नित, संतों का मत मान।
प्यार मिलेगा मूल में, ब्याज मान-सम्मान॥
ब्याज मान-सम्मान, कभी परोक्ष भी मिलता।
माली सीचे मूल, फूल डाली में खिलता॥
कह ’पंकज’कर भेद, व्यक्ति में व्यक्ति न छाँटें।
रख समता भाव, प्यार जन-जन में बाँटें॥ 1
मत बारूदी खेल से, करें जगत को क्षार।
जग के सब मानव सगे, कुछ तो करें विचार॥
कुछ तो करें विचार, व्यक्ति से व्यक्ति न बाँटें।
बैठे हैं जिस डाल, भूल कर उसे न काटें॥
’पंकज’ करें उपाय, ज्योतिमय बने अनागत।
सब में हो सदभाव, व्यक्ति में भेद करें मत॥ 2
पता-539क/65-विमला सदन
शेखपुर कसैला, नारायण नगर,
लखनऊ-226016
सचलभाष-9532888894
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
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