भाषा और साहित्य के माध्यम से मानवीय मूल्यों को पोषित का करने का प्रयास......
sahi baat kahi hai sir aap ne.......
आपकी लेखनी में बड़ी धार है डॉ साहब !शुभकामनायें !
बहुत बहुत शुक्रिया डॉक्टर साहब ! आपकी लिखी हुई तीसरी और चौथी पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगी और मैंने आपकी लिखी हुई पंक्तियों को पोस्ट कर दिया है और अब मेरी शायरी बेहतर बन गयी है! बहुत बढ़िया और बिल्कुल सठिक लिखा है आपने!
बढ़िया मुक्तक!
क्या निरर्थक कविता है
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sahi baat kahi hai sir aap ne.......
जवाब देंहटाएंआपकी लेखनी में बड़ी धार है डॉ साहब !शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया डॉक्टर साहब ! आपकी लिखी हुई तीसरी और चौथी पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगी और मैंने आपकी लिखी हुई पंक्तियों को पोस्ट कर दिया है और अब मेरी शायरी बेहतर बन गयी है!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया और बिल्कुल सठिक लिखा है आपने!
बढ़िया मुक्तक!
जवाब देंहटाएंक्या निरर्थक कविता है
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