-अरविन्द कुमार ’असर’
फिल्मी धुन पर भजन सोचिए ?
कैसे लागे लगन सोचिए ?
गंगा जल है प्रदूषित बहुत-
कैसे हो आचमन सोचिए।।
पाँव उठते नहीं बोझ से-
आप मेरी थकन सोचिए।।
सूल की तो प्रकृति है मगर-
फूल से भी चुभन सोचिए।।
और जितने थे सब बच गए-
बस जली है दुल्हन सोचिए।।
सचलभाष -9415928198
असर साहब ने छोटी बहर में बहुत असरदार ग़ज़ल कही है...उनतक मेरी दाद पहुंचा दें...आपको, उन्हें प्रस्तुत करने का, शुक्रिया...
जवाब देंहटाएंनीरज