ग़ज़लकार कुवंर कुसुमेश के स्वर में
उनकी ग़ज़ल : हर शाम छलकते हैं पियाले कहीं-कहीं
ग़ज़लकार कुवंर कुसुमेश अपने अध्ययन-कक्ष में
ग़ज़लकार कुवंर कुसुमेश रचना-पाठ करते हुए
प्रसिद्द साहित्यकार -रवीन्द्र कुमार ’राजेश’
के स्वर में उनकी गजल का आस्वादन
कीजिए।
प्रस्तोता -डॉ० डंडा लखनवी
कुंडलीकार श्री रामाऔतार ’पंकज’ की
दो कुंडलियाँ उन्हीं के स्वर में सुनिए।
प्रस्तोता -डॉ० डंडा लखनवी