प्रेम जहाँ अंधा है
चित्र गुगल से साभार |
प्रेम एक गेम है।
जिसका शुभ ऐम है॥
सपनों से सजा-धजा-
सुख-दुख का फ्रेम है।
हार - जीत पर इसमें
होता नो क्लेम है॥
परवानों के ख़ातिर-
ज्वाला है, फ्लेम है॥
प्रेम के बिना फिर भी-
कहाँ कुशल-क्षेम है॥
पहले लुटता मूरख-
करता फिर ब्लेम है॥
प्रेम बेवफाई को-
करता कनडेम है॥
प्रेम जहाँ अंधा है-
वहीं शेम - शेम है॥
सबके दिल में "डंडा"
इसका गुडनेम है॥