मानवीय सरोकार
भाषा और साहित्य के माध्यम से मानवीय मूल्यों को पोषित का करने का प्रयास......
31 दिसंबर 2011
नए वर्ष की मंगल कामनाओं के साथ....
मीठे सुरों के साज़ के सुरताल की तरह।
तेरे हसीन ख्वाब के महिवाल की तरह।
दिल में मोहब्बतों का उजाला लिए हुए-
मैं आ रहा हुँ दोस्त! नए साल की तरह॥
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सद्भावी-डॉ० सुरेश उजाला
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