08 अप्रैल 2011

***** अन्ना की आवाज : आम जनता की आवाज

                                         -डॉ० डंडा लखनवी



भ्रष्टाचार की जड़ें सामाजिक जीवन के हर क्षेत्र में व्याप्त हैं। इस रोग से सारा देश पीड़ित है। श्री अन्ना हजारे ने उपाचार का बीड़ा राजनैतिक क्षेत्र से उठा कर सोए हुए भारतीय समाज में हलचल पैदा कर दी है। उनकी चिंता जायज है। कुछ लोग जनसेवा को व्यवसाय समझने लगे हैं। आम जनता की आवाज को अनसुना करने की प्रवृत्ति राजनीति एवं नौकरशाही में घर कर गई है। अपनी उपेक्षा से भारत का आम नागरिक स्वयं को ठगा हुआ अनुभव करता है। उन्होंने ने आम आदमी के मनोभावों को स्वर दिया है। उनकी इस मुहिम में आज सारा देश उनके साथ है। उनकी आवाज भारत के आम-जन की आवाज है। बौद्ध-काल में प्रत्येक नागरिक को जीवन-मूल्य "पंचशील" को आत्मसात करने का संकल्प लेना रोज की दिनचर्या में सामिल था। जिसके प्रभाव से अधिकांश नागरिक शीलवान हुआ करते थे और वह युग भारतीय इतिहास में स्वर्ण-युग कहलाया। वह व्यवस्था कालान्तर में स्वार्थपरक कारणों से छिन्न-भिन्न हो गई। आज कदाचार को जीवन में उतारने की होड़ -सी लग गई है। सदाचारी एवं परोपकारी व्यक्ति को बुद्धिहीन समझा जाने लगा है।

सत्तासन हो अथवा धर्मासन दोनों में व्याप्त कदाचरण की खबरें अखबारों की सुर्खियाँ बनती रही है। कुट्टू के आटे में मिलावट से देश भर में हजारों लोगों का जीवन संकट में पड़ गया। यह व्यावसायिक भ्रष्टाचार का जिंदा उदाहरण है। कदाचार के सहारे कोई देश अधिक दिनों तक स्वतंत्र नहीं रह सकता है। व्यक्ति अथवा समाज का विकास सदाचार की ठोस भूमि पर होता है। सदाचार को जीवन में उतारने की परम आवश्यकता है। भ्रष्टाचार की नदी ऊपर से नीचे की ओर बहती है। यदि उद्गम स्थल पर भ्रष्टाचार का प्रवाह रोक दिया जाय तो वह निचले स्तर पर फैलने नहीं पाता। हमें राजनैतिक क्षेत्र के साथ धार्मिक, आर्थिक, शैक्षिक क्षेत्र को भी भ्रष्टाचार से मुक्त करना होगा। प्रबल इच्छा-शक्ति के बल पर "लोकपाल-विधेयक" समाज को स्वच्छ बनाने में कारगर सिद्ध होगा।


12 टिप्‍पणियां:

  1. बिलकुल सही....अना का साथ हम सब को देना ही होगा....ताकि भारत की गरिमा को पुनः स्थापित किया जा सके....

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  2. Lakhnavi saaheb aapne durust farmaya hai,bilkul sahi hai.kam se kam ek aadmi ne to sab ko jaagrat karne ki pahal ki.main poorntah aapse sahmat hoon.jalaao aandhi me deep ye milkar ,ye jwala ghar ghar dahakni chahiye.

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  3. बहुत ही उम्दा शब्दों का इस्तेमाल किये है - आभार
    देश को भ्रस्ट नेताओं से मुक्त कराना है, अपसरशाही को मिटाना है
    लूटे हुए पैसे को वापस लाकर, लुटेरों को जेल भेजवाना है |
    और आर्थिक आजादी लाना है, फिर से नया भारत बनाना है |
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  4. अंतिम तीन पंक्तियों में व्यक्त संकल्प प्रत्येक भारतीय को निष्ठापूर्वक पालन करना चाहिए तभी सब का भला होगा.

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  5. आम जनता भ्रष्टाचार से त्रस्त हो चुकी है ...सार्थक लेख

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  6. सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि सरकार ने अन्ना हजारे की माँग मान लीं हैं!
    बहुत-बहुत बधाई!

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  7. we loco pilot of Indian railways trying to do some thing positive in such type of agitation .thank you .

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  8. अन्ना किसी व्यक्ति का नाम नहीं है बल्कि एक विचारधारा का प्रवाह और इस विचारधारा में सारा देश उनके साथ है

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  9. बड़े भाई ,
    सप्रेम अभिवादन
    शत प्रतिशत सच्ची बातें लिखी हैं आपने | सिर्फ कहने से लुछ नहीं होने वाला | जब तक अपने आचरण को हम नहीं सुधारते , स्वयं ईमानदार नहीं बनते -भ्रष्टाचार पर कुछ बोकना बेमानी है |

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