25 जुलाई 2010

हिज्र में मीठे वचन ..........


            
     
                     -डॉ० डंडा लखनवी


                 

   " जब  जमाने   को   भानु   खूब   भून  देते   हैं।  
     
    तभी   राहत   सभी  को   मानसून    देते   हैं॥

    लाखों  तौफ़ीक़  से  हासिल  न  हो  वैसी राहत­-

    हिज्र   में   मीठे - वचन  जो   सकून   देते   हैं॥"

3 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत अच्छी प्रस्तुति।
    राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।

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  2. हमारीवाणी का लोगो अपने ब्लाग पर लगाकर अपनी पोस्ट हमारीवाणी पर तुरंत प्रदर्शित करें

    हमारीवाणी एक निश्चित समय के अंतराल पर ब्लाग की फीड के द्वारा पुरानी पोस्ट का नवीनीकरण तथा नई पोस्ट प्रदर्शित करता रहता है. परन्तु इस प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है. हमारीवाणी में आपका ब्लाग शामिल है तो आप स्वयं हमारीवाणी पर अपनी ब्लागपोस्ट तुरन्त प्रदर्शित कर सकते हैं.

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