भाषा और साहित्य के माध्यम से मानवीय मूल्यों को पोषित का करने का प्रयास......
प्रिय डंडा जी,बहुत दिनों बाद आपकी रचना पढ़ी|वही ताजगी,वही तेवर|अपेक्षा के अनुसार ही चुटीली एवं उत्कृष्ट|प्रसंशनीय|साधुवाद एवं शुभकामनायें|सादर|-अरुण मिश्र.
धन्यवाद भाई साहब!
आपकी मूल्यवान टिप्पणीयों का सदैव स्वागत है......
प्रिय डंडा जी,
जवाब देंहटाएंबहुत दिनों बाद आपकी रचना पढ़ी|वही ताजगी,वही तेवर|
अपेक्षा के अनुसार ही चुटीली एवं उत्कृष्ट|प्रसंशनीय|
साधुवाद एवं शुभकामनायें|
सादर|
-अरुण मिश्र.
धन्यवाद भाई साहब!
जवाब देंहटाएं