भाषा और साहित्य के माध्यम से मानवीय मूल्यों को पोषित का करने का प्रयास......
आज के फास्ट कवि की एक्स रे अति-उत्तम है।
बिलकुल सही कहा है!!
वाह क्या बात है अनोखा अलग अंदाजअरुन शर्माwww.arunsblog.in
साम -दाम -भय भेद ,का कुनबा भ्रष्टाचार ,आम आदमी इसी का होता रहा शिकार .------डंडा लखनवी क्या बात है 127 सालों से आम आदमी का खून चूसने वालों के मुंह पे दे मारा है डंडा ,जियो हजारो साल .
साम-दाम-भय-भेद का, गया ज़ाना मित्र।बिगड़े हुए चरित्र की, पोल खोलते चित्र।।
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आज के फास्ट कवि की एक्स रे अति-उत्तम है।
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही कहा है!!
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात है अनोखा अलग अंदाज
जवाब देंहटाएंअरुन शर्मा
www.arunsblog.in
जवाब देंहटाएंसाम -दाम -भय भेद ,का कुनबा भ्रष्टाचार ,
आम आदमी इसी का होता रहा शिकार .
------डंडा लखनवी
क्या बात है 127 सालों से आम आदमी का खून चूसने वालों के मुंह पे दे मारा है डंडा ,जियो हजारो साल .
साम-दाम-भय-भेद का, गया ज़ाना मित्र।
जवाब देंहटाएंबिगड़े हुए चरित्र की, पोल खोलते चित्र।।