भाषा और साहित्य के माध्यम से मानवीय मूल्यों को पोषित का करने का प्रयास......
गत १६, नवम्बर से लगातार आप के शानदार, जानदार एवं वज़नदार दोहे पढ़ने को मिल रहे हैं| इधर आपके व्यंग्य की धार और पैनी हुई है| भगवान इसी तरह आपके लेखनी की धार तेज रखे| शुभकामनायें|-अरुण मिश्र.
वर्ष 2013 आपको सपरिवार शुभ एवं मंगलमय हो ।शासन,धन,ऐश्वर्य,बुद्धि मे शुद्ध-भाव फैलावे---विजय राजबली माथुर
दो पंक्तियों के लिए केवल एक शब्द "उम्दा "
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गत १६, नवम्बर से लगातार आप के शानदार,
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इधर आपके व्यंग्य की धार और पैनी हुई है|
भगवान इसी तरह आपके लेखनी की धार तेज रखे|
शुभकामनायें|
-अरुण मिश्र.
वर्ष 2013 आपको सपरिवार शुभ एवं मंगलमय हो ।शासन,धन,ऐश्वर्य,बुद्धि मे शुद्ध-भाव फैलावे---विजय राजबली माथुर
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